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Some Amzing Facts about Bhagat Singh in Hindi, भगत सिंह’ के बारे में ग़ज़ब रोचक तथ्य

जब नाम अाज़्ज़ादी का या 1947 से  पहले की बात होती है तो भगत सिंह को सबसे पहले याद  है। भगत सिंह का जनम 8 सितम्बर 1907 को हुआ। हमने बचपन में किताबों में भगत सिंह के बारे में बहुत पढ़ा है या बजुर्गों से बहुत किस्से भी सुने है लेकिन फिर भी कुछ बातें ऐसी होती है जो हमें नै पता चलती। 
आज मैं आपको ऐसी हे कुछ बातें, कुछ Amazing Facts भगत सिंह के बारे में बताने जा रहा हु जिनके बारे में आपको सायद हे पता 



1. बचपन में जब भगत सिंह अपने पिता के साथ खेत में जाते थे तो कुछ तीले लेकर जमीन में  बंदूकों की खेती करने लग जाते थे और वो बंदूकों को दमुकें कहते थे 

2. जलियावाला बाग हत्याकांड के समय भग़त सिंह की उम्र सिर्फ 12 साल थी। इस घटना ने भगत सिँह को हमेशा के लिए क्रांतिकारी बना दिया

3. घटना वाले दिन वह स्‍कूल से भागकर जलियांवाला बाग पहुंचे। उन्‍होंने खून से सनी मिट्टी को एक बोतल में रख लिया था और भगत सिंह रोज इस बोतल की पूजा करते थे। 

4.  भगत सिंह ने अपने काॅलेज के दिनो में ‘National Youth Organisation‘ की स्थापना की थी

5. इन्किलाब ज़िंदाबाद का नाहरा भी पहली बार भगत सिंह ने दिया 

6 . भग़त सिंह शादी नहीं करना चाहते थे। जब उनके माता-पिता उनकी शादी की योजना बना रहे थे, वह घर छोड़कर कानपुर आ गए थे। उन्होनें कहा अब तो आजादी ही मेरी दुल्हन बनेगी

7. काॅलेज के दिनो में भग़त सिंह एक अच्छे अभिनेता भी थे. उन्होने बहुत से नाटकों में हिस्सा लिया. भग़त सिंह को कुश्ती का भी शौक था

8 . भगत सिंह सिर्फ एक क्रांतिकारी ही नहीं थे बल्कि एक लेखक भी थे। उस दौर में छपने वाले कई अखबारों उर्दू और पंजाबी भाषा में नियमित रूप से लिखते थे

9 . भग़त सिंह ने अपना वेश वदलने के लिए अपने बाल कटवा लिए और दाढ़ी भी साफ करवा ली। अंग्रेजो से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी था। मगर बाद में उन्होंने भगवन से माफ़ी  भी मांगी थी
10 . सेंट्रल असेंबली में भगत सिंह और उनके साथियों ने जो बम फेंके थे, वो निचले स्तर के विस्फोटक से बनाए गए थे, क्योंकि वह किसी को मारना नहीं, बल्कि अपना संदेश देना चाहते थे
11. भगत सिंह जिस समय लाहौर जेल में थे उन्‍होंने एक डायरी बनाई हुई थी। इस डायरी में वह आजादी और क्रांति के बारे में अक्‍सर कुछ न कुछ लिखा करते थे।
12. भगत सिंह, राजगुर और सुखदेव को तय समय से एक दिन  पहले ही फांसी दे दी गई थी। इसके बाद जेल अधिकारियों ने चुपचाप सतलज नदी पर उनका अंतिम संस्‍कार कर दिया।

13. महात्मा गाँधी चाहते तो भगत सिँह की फांसी रूकवा सकते थे. लेकिन उन्होनें ऐसा नही किया.

14. आज देश की सरकार भगत सिंह को शहीद नहीं मानती है, जबकि आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले भगत सिंह हर हिन्दुस्तानी के दिल में बसते हैं.



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